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Surgical Strike-2 |
देश 14 फ़रवरी को पुलवामा
में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के वाहन पर हुए आंतकवादी हमले के बाद आक्रोश की स्थिति में था जिसमे हमारे 40 वीर जवान
शहीद हो गए थे | लेकिन 26 फ़रवरी की सुबह आ ही गई जिसका भारत के हर नागरिक को इंतज़ार
था | भारतीय वायु सेना ने मिराज़ 2000 लड़ाकू विमानों की मदद से पाक अधिकृत कश्मीर के
मुज्ज़फराबाद और चकोटी के साथ-साथ खैबर पख्तुनाबाद इलाके में स्थित बालाकोट में स्थित
जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर लगभग एक हज़ार किलोग्राम के लेज़र गाइडेड बम गिराकर
तबाह कर दिया | गौरतलब है कि बालाकोट आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कण्ट्रोल सेंटर अल्फा -3 था जहां से कश्मीर
घाटी में स्थित आंतकी अपनी गतिविधियों के लिए निर्देश लेते थे |
इस “सर्जिकल स्ट्राइक टू” में कई बातें विशेष महत्वपूर्ण रही| पहली तो यही
कि खुद पाकिस्तान ने इसे स्वीकार किया तथा पिछली बार उडी के आंतकी हमले के बाद हुई
भारतीय थल सेना की कार्यवाही “सर्जिकल
स्ट्राइक वन” को नकारने का प्रयास
किया था | दूसरी महतवपूर्ण बात ये रही कि भारत में भी किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति
विशेष ने सबूत नहीं मांगे| यह स्वागत योग्य कदम था अन्यथा पाकिस्तान भारत की घरेलू
राजनीतिक बयानबाजी को भी अपने हित में प्रयोग करता है|पुलवामा हमले के बाद हुई सर्वदलीय
बैठक में पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा दिखाई दिया |
यह “सर्जिकल स्ट्राइक टू” बहुत बड़े सन्देश लेकर आई है | इससे अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर भारत की पहचान आंतकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस वाले देश की बनी है |
क्योंकि अभी तक लोकतंत्र के मंदिर संसद और आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमलों के बाद भी
इतनी बड़ी कार्यवाही नहीं हो पाई थी | जिसका एक कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव पडने
के कारण कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाता था | लेकिन उडी की घटना जिसमे हमारे 18 सैनिक
जिन्दा जल गए थे जिसके बाद भारतीय सेना के कमांडों ने नियंत्रण रेखा पार करके आंतकी
ठिकानों को बड़ा नुकसान पहुँचाया था जिससे आंतकी संगठन तिलमिला गए थे | पाकिस्तान ने
भी इसे हल्के में लिया था |
यह “सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट टू” इस मामले
में थोड़ी अलग है | पाकिस्तान की तरफ से शुरूआती ट्वीट में कहा गया कि भारतीय विमानों
ने नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण कर पाकिस्तानी सीमा में घुसपैठ की है तथा पाकिस्तानी
विमानों के पीछा किये जाने पर भारतीय विमान अपनी सीमा में लौट गए | लेकिन पाकिस्तानी
सेना के प्रवक्ता का चेहरा झूठ में उनका साथ नहीं दे रहा था | क्योंकि उसको पता था
कि यह “सर्जिकल स्ट्राइक टू” पाकिस्तान में स्थित आंतकी ठिकानों को बर्बाद करके
गई है |
पाकिस्तान पुलवामा आंतकी
घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के सामने खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास
कर रहा था | लेकिन आंतक के मामले में पाकिस्तान का काला इतिहास सबके सामने है आंतकी फंडिंग रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय टास्क
फ़ोर्स ने पाकिस्तान को पहले ही ग्रे लिस्ट में डाला हुआ है | जिसकी समय-समय पर समीक्षा
की जाती है और अगर पाकिस्तान ने आंतकी संगठनों की फंडिंग रोकने का प्रयास नहीं किया
तो उसे ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है जिसके बाद पाकिस्तान किसी भी देश अथवा अंतर्राष्ट्रीय
वितीय संस्था से वितीय मदद भी नहीं ले पायेगा |
पुलवामा आंतकी हमले के
बाद डरे पाकिस्तान ने अपनी हेकड़ी दिखाना बंद नहीं किया था | परमाणु बम की धमकी वह ऐसे
देता था जैसे गली का गुंडा तमंचे की देता है | प्रधानमन्त्री नरेंदर मोदी ने पुलवामा
आंतकी हमले के बाद दिए अपने व्यक्तव्यों में लगातार इस बात को दोहराया था कि जवानों
की सहादत का बदला जरुर लिया जायेगा तथा सेना को खुली छूट दे दी गई है| जैसे-जैसे समय
बीतने लगा तो बाद के दिनों में इसकी दबी जुबान में आलोचना भी हो रही थी कि सेना बिना
राजनीतिक नेत्र्तव के खुद कार्यवाही नहीं करती| लेकिन यह एक रणनीतिक फैसला था जिसमे
खतरे की आशंका और दुश्मन को चौकाने के लिये उम्दा प्लान बनाया गया जिसमे भारतीय वायु
सेना के देश में स्थित अलग-अलग हवाई अड्डों से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और मात्र
17 मिनट में ही अपने काम को अंजाम देकर वापिस अपने स्थान पर लौट आये | यह “सर्जिकल स्ट्राइक टू” की बड़ी विशेषता
यह रही कि इस बार जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष 25 कंमाडर भी मारे गए जिसमे मौलाना मसूद अजहर
का भाई और एक रिश्तेदार भी था |
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी
नेताओं को जिनको अभी तक सरकारी खर्च पर सुरक्षा और अन्य सुविधाएँ मिल रही थी उनके ठिकानों
पर भी NIA की छापेमारी हुई|
आंतक पर नकेल कसने के लिए हमें घरेलू स्तर पर भी अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने होंगे
| सुरक्षा बलों को पत्थरबाजों का इलाज करने के भी अधिकार देने चाहिए ताकि बुराई को
शुरुआत में ही खत्म किया जा सके | देश का जनमत जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद की असली जड़
धारा-370 को ही समाप्त करने के मूड में है|
वैश्विक स्तर पर भारत
को आंतकवाद के खिलाफ इस कार्यवाही का समर्थन मिल रहा है | भारत का विदेश मंत्रालय पहले
से ही हरकत में है | “सर्जिकल स्ट्राइक टू” के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने भी अपने वक्तव्य
में इसे आंतकवाद के खिलाफ़ कार्यवाही कहा है तथा विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज
ने भी अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन और सार्क के पडोसी देशों को भी जानकारी देकर
विश्वास में लिया | चीन में RIC की
बैठक में जिसमे भारत, रूस और चीन ने संयुख वक्तव्य में आंतकवाद की निंदा की है |
सबसे आश्चर्य की बात यह रही कि हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहने वाला चीन अब तक बहुत सधी हुई प्रतिक्रिया
दे रहा है क्योंकि वह अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध में उलझा हुआ है और अपनी गिरती
अर्थव्वस्था के कारण चिंतित है | अमेरिका द्वारा वितीय मदद रोके
जाने से पाकिस्तान पहले ही कंगाली के किनारे पर खड़ा है |
पाकिस्तान को अपनी जनता
की नाराज़गी को शांत करने और सेना के प्रति बढते अविश्वास के कारण जम्मू के राजौरी क्षेत्र में अपने F-16 लड़ाकू विमानों द्वारा
भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन करने का प्रयास किया जिसमे भारत की जवाबी कार्यवाही में
एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मार गिराया गया | इस कार्यवाही में भारत का एक मिग-21 भी
दुर्घटनाग्रस्त हो गया और पायलट ऑफिसर अभिनंदन को पाकिस्तान द्वारा अपने कब्जे में
ले लिया गया है | पाकिस्तान के प्रधानमत्री इमरान खान बार-बार बातचीत की पेशकश कर रहे
है लेकिन पाकिस्तान पर इतनी जल्दी विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि इमरान खान के
जो भी विडियो आ रहे है उनमे पाकिस्तानी सेना की “सेंसर के कट” मौजूद है
जिससे पाकिस्तान की सेना की चाल का पता लगता है |
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